Breaking News
TERATAI PUTIH: Situs Judi Slot Online Gacor Rajanya Link Maxwin
आयुष्मान कार्ड बनाने में पिछड़े जनपदों पर होगा विशेष फोकस
NEET UG 2024 फाइनल रिजल्ट: टॉपर्स 61 से घटकर 17, क्वालीफाइंग कैंडिडेट्स और कट-ऑफ कम
मंत्री गणेश जोशी ने शहीद चंद्र मोहन सिंह नेगी को पुष्पचक्र अर्पित कर दी श्रद्धांजलि
भारत और श्रीलंका के बीच टी20 सीरीज का पहला मुकाबला आज 
बॉक्स ऑफिस पर फिल्म बैड न्यूज ने पार किया 40 करोड़ रुपये की कमाई का आंकड़ा
साल 2047 तक विकसित भारत बनाने का सपना हर भारतीय का – प्रधानमंत्री 
भूस्खलन की चपेट में आने से मां बेटी की मलबे में दबने से हुई मौत
कान में इंफेक्शन होने पर दिखते हैं ये लक्षण, जानिए घर में वैक्स को क्लीन करने का सही तरीका
आईटीबीपी इंस्पेक्टर चंद्र मोहन सिंह भारत-चीन सीमा पर हुए शहीद

तेल कलश गाडू घड़ा यात्रा के दर्शन के लिए ऋषिकेश में उमड़ी भक्तों की भीड़, 11 मई की शाम को पहुंचेगी बद्रीनाथ 

कल श्रीनगर के लिए होगी रवाना

ऋषिकेश। तेल कलश गाडू घड़ा यात्रा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी उमड़ी। आज रात मुनि की रेती में विश्राम करने के बाद यात्रा कल श्रीनगर के लिए रवाना होगी। श्रीबदरीनाथ धाम गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा 25 अप्रैल की देर शाम नरेंद्र नगर राज दरबार से निकली थी। आज ऋषिकेश में श्रद्धालुओं को यात्रा के दर्शन का पुण्य प्राप्त हुआ। 11 मई की शाम कई पड़ावों से होते हुए यात्रा बदरीनाथ धाम पहुंचेगी और 12 मई को धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले जाएंगे।

बीती गुरुवार को राजमहल नरेंद्र नगर में परंपरानुसार डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत पदाधिकारियों की उपस्थिति में महारानी माला राज्य लक्ष्मी शाह और सुहागिन महिलाएं भगवान बदरी विशाल के अभिषेक के लिए तिलों से तेल पिरोकर चांदी के कलश में रखा। पूजा-अर्चना के बाद राजमहल में तेल का कलश गाडू घड़ा डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत पदाधिकारियों को सौंपा गया।

भगवान बदरीनाथ के अभिषेक के उपयोग में लाया जाने वाला तिल का तेल नरेंद्रनगर राजदरबार में पिरोया जाता है। और यह तेल गाड़ू घड़ा में डाला जाता है। गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा नरेंद्रनगर राजदरबार से रवाना हुई और शाम को ऋषिकेश पहुंची। सात मई तक गाडूघड़ा तेल कलश लक्ष्मी नारायण मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा। 8 को यात्रा सिमली, कर्णप्रयाग होते हुए पाखी गांव पहुंचेगी। 9 को नृसिंह मंदिर जोशीमठ और 10 को यात्रा आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी, बदरीनाथ के रावल (मुख्य पुजारी), धर्माधिकारी व वेदपाठियों के साथ रात्रि प्रवास के लिए योगध्यान मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top