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मुख्यमंत्री ने वन प्रशिक्षण अकादमी में वनाग्नि रोकने के प्रयासों की समीक्षा

जंगल में आग- वनाधिकारियों के अवकाश पर लगाई रोक

मुख्यमंत्री ने वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर लिया स्थिति का जायजा

अधिकारियों को दिये हर समय सतर्क रहने के निर्देश

वनाग्नि पर पूरी तरह नियन्त्रण पाये जाने तक अधिकारियों को बैठक हेतु देहरादून न बुलाये जाने के भी दिये निर्देश

हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को वन प्रशिक्षण अकादमी सभागार में वनाग्नि को रोकने के लिये किये जा रहे प्रयासों की गहनता से समीक्षा की। उन्होंने वनाग्नि को रोकने के लिये अधिकारियों को हर समय सतर्क रहने के निर्देश दिये है। मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश दिये कि जब तक वनों में लगी आग पूरी तरह नियंत्रित नहीं हो जाती है तब तक वनाधिकारियों के अवकाश पर जाने पर रोक लगायी जाय। केवल गम्भीर बीमारी के मामलों में ही छूट दी जाय।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये है कि वनाधिकारी हर समय वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों में रहकर इसे नियंत्रित करने का प्रयास करें। इस कार्य में लगे अधिकारियों को अनावश्यक रूप से बैठक में प्रतिभाग हेतु देहरादून न बलाये जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये है। उन्होंने कहा कि वनाग्नि की रोकथाम के लिए वन विभाग के अलावा अन्य विभाग भी अलर्ट मोड पर रहें। वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए सूचना तंत्र और मजबूत किया जाए। क्विक रिस्पांस टाईम कम से कम किया जाए। वनाग्नि पर प्रभावी रोकथाम के लिए स्थानीय स्तर पर लोगों का सहयोग लिया जाए।

उन्होंने कहा कि इस में सेना का भी सहयोग लिया जा रहा है। जो भी लोग वनों में आग लगाये जाने के दोषी पाये जायेंगे उनके विरूद्ध कार्यवाही किये जाने के भी निर्देश उन्होंने दिये है। मुख्यमंत्री ने लीसा डिपो के आस पास बनाग्नि के नियंत्रण पर ध्यान देने को कहा तथा फायर ब्रिगेड को भी एक्टिव करने को कहा। ताकि लीसा डिपो या अन्य संस्थानों को कोई नुकसान न हो। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होनें कहा कि सभी के प्रयासों से वनाग्नि की घटनाएं नियंत्रित हो रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बढते तापमान के दृष्टिगत पेयजल की कमी को दूर करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिये।

इस अवसर पर विधायक श्रीमती सरिता आर्य, आयुक्त कुमांऊ दीपक रावत, जिलाधिकारी श्रीमती वन्दना के साथ ही वन एवं पुलिस विभाग के उच्चाधिकारी एवं अन्य जन प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।

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