Breaking News
आसमान छू रहे सब्जियों के दाम, घरों में खाने की थाली कमजोर कर रही महंगाई 
DM का बड़ा एक्शन, बिना अनुमति रोड कटिंग करने पर एस०के गुप्ता एण्ड कम्पनी वैन्डर रिलाइन्स जिओ पर मुकदमा दर्ज
आरटीआई में पहाड़ी जनपदों और महिलाओं की भागीदारी की जाय सुनिश्चित- राज्यपाल
एक भारत श्रेष्ठ भारत- भारतीय फिल्मों की एकसूत्र में बांधने की शक्ति
उत्तराखण्ड में आर्थिकी एवं पारिस्थितिकी में संतुलन के लिए बनायी योजना
PWD व RWD समान प्रकृति के कार्य एक ही एंजेसी से करवाएं
उत्तराखण्ड में देहरादून-अल्मोड़ा हेलीकॉप्टर सेवा शुरू
दिल्ली- सीएम आवास सील, केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी को ताला
हरियाणा विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद पीएम मोदी ने कांग्रेस पर किया तीखा हमला

हेमकुंड साहिब- बर्फीले रास्ते पर एक दूसरे का हाथ पकड़कर आगे बढ़ रहे श्रद्धालु, एसडीआरएफ और सेना के जवान हो रहे मददगार साबित 

तीन किमी तक यात्रा पथ अभी भी बर्फ से ढका हुआ

देहरादून। हेमकुंड साहिब का करीब तीन किमी तक यात्रा पथ अभी भी बर्फ से ढका हुआ है। सेना के जवानों और सेवादारों ने बर्फ हटाकर ही रास्ता बनाया है। यहां बर्फीले रास्ते पर फिसलन हो रही है। श्रद्धालु बर्फीले रास्ते पर एक दूसरे का हाथ पकड़कर आगे बढ़ रहे हैं। बुजुर्ग श्रद्धालुओं को पुलिस, एसडीआरएफ और सेना के जवान सहारा देकर आगे बढ़ा रहे हैं, साथ ही अन्य श्रद्धालुओं की मदद भी कर रहे हैं। हेमकुंड साहिब के दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालु वहां जा रहे श्रद्धालुओं को यह कहकर हिम्मत दे रहे हैं कि अब बस थोड़ा ही रास्ता शेष बचा है.., जल्द हेमकुंड साहिब के दर्शन होंगे। अमृतसर की नवजोत कौर पहली बार हेमकुंड साहिब की यात्रा पर पहुंची हैं।

बताया, जब पुलना गांव से पैदल यात्रा शुरू की थी तो 15 किमी पैदल चलने की बात सुनकर विश्वास नहीं हो पा रहा था कि क्या सचमुच हेमकुंड साहिब पहुंच पाऊंगी, लेकिन मन में श्रद्धा, विश्वास और आस्था लेकर यहां पहुंची हूं। रास्ते की थकान हेमकुंड पहुंचकर दूर हो गई। हेमकुंड में मत्था टेकने के साथ ही बर्फ का नजारा देखने को मिला। पंजाब के जसविंदर सिंह ने बताया, वह पिछले 15 सालों से लगातार हेमकुंड की यात्रा पर पहुंच रहे हैं। यात्रा शुरू होते ही यहां आने की इच्छा होने लगती है। हर साल हेमकुंड के दर्शन के बाद ही अपने कारोबार को आगे बढ़ाता हूं। अटलाकोटी के ग्लेशियर प्वाइंट से आगे बर्फ जमी हुई है।

यहीं से यात्रा की असली परीक्षा शुरू होती है। खड़ी चट्टान पर बने रास्ते पर जमीं बर्फ को काटकर सेना ने रास्ता बनाया है, लेकिन मार्ग पर काफी फिसलन है। हेमकुंड साहिब से करीब तीन किमी नीचे से रास्ता खतरनाक बना हुआ है। कई बुजुर्ग व महिला श्रद्धालु इस फिसलन भरे रास्ते से आवाजाही नहीं कर पा रहे हैं। खासकर सीढ़ियों वाले हिस्से में चलना अधिक जोखिम भरा बना हुआ है। गोविंदघाट थाना प्रभारी लक्ष्मी प्रसाद बिजल्वाण ने बताया, श्रद्धालु फिसल न जाएं, इसके लिए यहां पर पुलिस व एसडीआरएफ के 20 से अधिक जवानों को तैनात किया गया है। जवान श्रद्धालुओं को बर्फीले रास्ते पर आवाजाही कराने में मदद कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top