Breaking News
TERATAI PUTIH: Situs Judi Slot Online Gacor Rajanya Link Maxwin
प्रदेशभर में भारी बारिश से जन- जीवन हुआ अस्त- व्यस्त, कहीं बहे पुल, तो कहीं घरों में घुसा पानी 
कांवड़- आस्‍था का बदलता चलन
जलाशयों की रॉयल्टी फ्री डिसिल्टिंग की बनेगी नीति
लद्दाख पहुंचे पीएम मोदी, कारगिल वॉर मेमोरियल पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि
कारगिल विजय दिवस – सीएम धामी ने शहीद परिवारों के हित में की चार घोषणाएं
महिलाओं पर बढ़ते अत्याचारों को लेकर किया जाएगा ‘राष्ट्रीय व्यापी आंदोलन’
जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम के बीच छह किलोमीटर हिस्से में यमुना नदी ने दिखाया रौद्र रूप
महिला एशिया कप 2024- भारत और बांग्लादेश के बीच पहला सेमीफाइनल मुकाबला आज 
नॉन स्टिक में बना खाना कर सकता है बीमार, टेफ्लॉन फ्लू का बढ़ रहा है खतरा, जानें कारण और इसके लक्षण

लगातार धधक रहे उत्तराखंड के जंगल, वन संपदा को पहुंच रहा भारी नुकसान 

देहरादून। उत्तराखंड में जंगल पिछले कुछ दिनों से लगातार धधक रहे हैं, जिससे वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है। कर्णप्रयाग में गौचर के सामने सारी गांव के जंगलो में शनिवार देर रात से आग लगी है। आग के चलते कई हेक्टेयर जंगल जंल कर राख हो गए। वहीं, शनिवार को जंगल में आग की 22 घटनाएं सामने आई थे। इसे मिलाकर वनाग्नि की घटनाएं अब बढ़कर 373 हो गई हैं। आग से पहाड़ धुआं-धुंआ हो रहे हैं। राज्य में गर्मी तेज होने के साथ ही जंगल की आग के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। शुक्रवार को वनाग्नि की 10 घटनाएं हुईं, जो शनिवार को बढ़कर 22 हो गई। गढ़वाल में केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के आरक्षित वन क्षेत्र में जंगल की आग का एक, नंंदादेवी राष्ट्रीय पार्क में एक, राजाजी टाइगर रिजर्व में एक, रुद्रप्रयाग वन प्रभाग में एक और लैंसडाउन वन प्रभाग में दो मामले सामने आए हैं।

जबकि, रामनगर वन प्रभाग में एक, तराई पूर्वी वन प्रभाग में नौ, हल्द्वानी वन प्रभाग में चार और बागेश्वर वन प्रभाग के आरक्षित क्षेत्र में जंगल की आग का एक मामला सामने आया है। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, कुछ जगहों पर आग काबू में नहीं आ पा रही है। वन विभाग के कर्मचारी स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर परंपरागत तरीके से आग पर काबू में प्रयास में जुटे हैं। अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, एक नवंबर 2023 से अब तक जंगल में आग की 373 घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे 436 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top