Friday, September 22, 2023
Home घुम्मकड़ इंडिया सर्दियों के मौसम के लिए उत्तराखण्ड के खूबसूरत ट्रैक, साहसिक खेलों के...

सर्दियों के मौसम के लिए उत्तराखण्ड के खूबसूरत ट्रैक, साहसिक खेलों के शौकीनों के लिए पहली पसंद बन रहे हैं विंटर ट्रैक

सर्दियों के मौसम के लिए उत्तराखण्ड के खूबसूरत ट्रैक, साहसिक खेलों के शौकीनों के लिए पहली पसंद बन रहे हैं विंटर ट्रैक

उत्तराखंड के प्रसिद्ध चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री विश्व भर में प्रसिद्ध तो हैं ही इसके साथ यहां के विंटर ट्रैक साहसिक खेलों के शौकीनों के लिए पहली पसंद बन रहे हैं। जिस तरह उत्तराखंड की वादियों में सर्दियों में घूमने का अपना अलग ही मजा है,उसी तरह से यहां सर्दियों के मौसम में ट्रैकिंग करने का आनंद आपको किसी और रोमांचक गतिविधियों में नहीं मिल सकता। हिमालय की गोद में बसा हुआ उत्तराखंड सर्दियों में ट्रैकिंग के बहुत सारे विकल्प प्रदान करता है जो सफेद सफेद बर्फीले रास्ते और बर्फ की चादर ओढ़े हुए पहाड़ों के शानदार दृश्य से भरे होते हैं।

सर्दी के दौरान ट्रैकिंग करते हुए बीच में कई खूबसूरत वादियां, सौगान के पेड़ और खूबसूरत झरने और छोटे-छोटे गांव देखने को मिलते हैं। ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र में आप प्राकृतिक सुंदरता के साथ ट्रैकिंग का मजा भी ले सकते हैं। राज्य के भीतर साहसिक पर्यटन को बढ़ावा दिए जाने को लेकर पर्यटन विभाग ने एक अलग से साहसिक विंग भी बनाया है। इस लेख के जरिए हम आपको उत्तराखंड के विभिन्न विंटर ट्रैक से रूबरू कराएंगे।

केदारकांठा ट्रैक

समुद्र तल से लगभग 12500 फिट की ऊंचाई पर स्थित केदारकांठा, गोविन्द पशु विहार नेशनल पार्क के अंतर्गत गढ़वाल हिमालय उत्तरकाशी, उत्तराखंड क्षेत्र में स्थित है। जौनसार-बावर क्षेत्र के सांकरी गांव से केदारकांठा ट्रैक की शुरुआत होती है। केदारकांठा शिखर पर चारों तरफ बर्फ से लदी पहाड़ियों का नजारा और पहाड़ियों तक पहुंचने वाले खूबसूरत रास्ते पर्यटकों को दूर-दूर से केदारकांठा आने के लिए आकर्षित करते हैं। केदारकांठा शिखर से सूरज उदय और सूरज डूबने का नजारा बहुत अद्भुत है जिसे देखने के लिए पर्यटक, सुबह और शाम को यहां पहुंचते हैं।

कैसे पहुंचे-

केदारकांठा की यात्रा उत्तराखंड के सांकरी गांव से शुरू होती है। लेकिन आपको यहां पहुंचे के लिए सबसे पहले देहरादून पहुंचना पड़ेगा। देहरादून से सांकरी गांव की दूरी 196 किलोमीटर की है जिसे करने में आपको 10 से 11 घंटे का समय लगेगा। यह यात्रा छह दिन में पूरी होती है।

चंद्रशिला ट्रैक

चंद्रशिला ट्रैक पंच केदार का तुंगनाथ मंदिर स्थित है। ट्रैक की शुरूआत रुद्रप्रयाग जिले के चोपता से होती है। सर्दियों के मौसम के अलावा ट्रैकिंग के शौकीन किसी भी मौसम में यहां आ सकते हैं। यह ट्रैक पर्यटकों के लिए प साल भर खुला रहता है। इस ट्रैक के जरिए आप दुनिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिर तक पहुंच सकते हैं जो तुंगनाथ में 4000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

कैसे पहुंचे

चंद्रशिला ट्रैक उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में चोपता गांव के पास है। चोपता गांव से 3 से 4 किलोमीटर का ट्रैक करके तुंगनाथ मंदिर पंहुचा जाता है जो कि पंच केदार में से एक केदार है। तुंगनाथ मंदिर से ऊपर 1 से 1.5 किलोमीटर का ट्रैक और करके चंद्रशिला शिखर तक पंहुचा जा सकता है।

क्वारी पास ट्रैक

क्वारी पास ट्रैक की यात्रा जोशीमठ से शुरू होती है जो ट्रेकर्स और तीर्थयात्रियों का मुख्य केंद्र है। यहां कुछ जगहों पर आप दुर्लभ हिमालयी भालू या तेंदुए के पैरों के निशान भी देख सकते हैं। कुआरी दर्रे की सबसे अच्छी बात यह है कि आप हरे भरे घास के मैदानों के बीच डेरा डाल सकते हैं, जिसमें हिमालय के नज़ारों वाले विशाल हरे भरे चरागाह मौजूद हैं।

क्वारी पास ट्रैक कैसे पहुंचे

क्वारी पास ट्रैक की यात्रा तीर्थ नगरी हरिद्वार से जोशीमठ तक शुरू होती है जोशीमठ की दूरी हरिद्वार से लगभग 265 किमी है। जिसके बाद जोशीमठ से चित्रकांठा जाया जाता है जिसकी कुल ऊंचाई लगभग 3,310 मीटर अथवा 10,857 फ़ीट है। अगली यात्रा चित्रकांठा से शुरू होती है जो ताली टॉप तक होती है। इस दिन का ट्रैक आपके पूरे ट्रैक में सबसे खूबसूरत होता है। यह ट्रैक कुल 4 किमी का है तथा इस ट्रैक की कुल ऊंचाई 11,070 फ़ीट है। अगली ट्रैक ताली टॉप से शुरू होकर क्वारी पास तक जाता है।

ब्रह्मताल ट्रैक

ब्रह्मताल माउंट त्रिशूल और नंदा घुंटी, राजसी रूपकुंड ट्रेक के विहंगम दृश्य और राजसी बर्फ से ढकी चोटी को अपने कैमरे से कैद करने के पर्याप्त अवसर प्रदान करता है। ब्रह्मताल ट्रैक में सुंदर घाटियों, शांत बस्तियों, नदियों, और शंकुधारी, और ओक के जंगलों के मनभावक दृश्य देखने को मिलते हैं। सर्दियों के मौसम में यह पूरा क्षेत्र ही बर्फ से ढका हुआ होता है और हिमालय का एक अनूठा दृश्य भी पेश करता है।

कैसे पहुंचे

ब्रह्मताल थराली व देवाल दो ब्लॉकों से पहुंचा जा सकता है। थराली ब्लॉक के कूनी-पारथा गांव तक निजी वाहन या फिर ट्रेकर से पहुंच कर वहां से 16-17 किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर ब्रह्म ताल पहुंच सकते है। ब्रह्म ताल पहुंचने से पूर्व ट्रेक पहले भेंकल ताल पहुंचता है। यह भी ट्रैकिंग के लिए एक उपयुक्त स्थान है।

 

 

RELATED ARTICLES

उत्तर प्रदेश : होली पर सरकार का तोहफा, 7 से 9 मार्च तक नहीं कटेगी बिजली

लखनऊ। रंगों के उत्सव होली पर सरकार ने प्रदेशवासियों को बड़ा तोहफा दिया है। इस बार होली के अवसर पर प्रदेश के उपभोक्ताओं को विद्युत...

भारत के सौर ऊर्जा क्षेत्र में अहम भूमिका निभा सकते हैं फ्लोटिंग सोलर

भारत का लक्ष्य इस साल के अंत तक 100 गीगावॉट सौर ऊर्जा का है, लेकिन फ्लोटिंग सोलर प्लांट्स इस लक्ष्य की योजना का हिस्सा...

नेपाल के एवरेस्ट में हिमालयी भेड़ियों की दहशत

रमेश बुशाल अप्रैल, 2022 की एक खूबसूरत सुबह थी। माउंट एवरेस्ट को उत्तर-पूर्वी नेपाल के नामचे में सागरमाथा (एवरेस्ट) राष्ट्रीय उद्यान कार्यालय से स्पष्ट रूप...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Latest Post

संसद का विशेष सत्र- सोनिया गांधी ने दिया ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 को समर्थन

बोलीं- ये राजीव का सपना था नई दिल्ली। संसद के विशेष सत्र में तीसरे दिन महिला आरक्षण बिल यानी नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 पर अहम...

बच्चों के लिए ही नहीं महिलाओं के लिए भी बहुत जरूरी है दूध, रोजाना पीने से मिलते हैं ये 5 फायदे

दूध पोषक तत्वों का भंडार है, इसके पीने से सेहत को कई तरह से लाभ मिलते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि दूध बच्चों...

स्पा सेंटर की आड़ में अनैतिक देह व्यापार के धंधे का दून पुलिस ने किया पर्दाफाश

स्पा सेंटर की महिला मैनेजर तथा एक पुरुष को किया गिरफ्तार, स्पा सेंटर का मालिक फरार तीन पीड़िताओं का किया रेस्क्यू, पैसों का लालच देकर...

बीड़ी बनी हत्या की वजह, चाकू से किया ताबड़तोड़ वार, चार नाबालिग गिरफ्तार

नई दिल्ली। बीड़ी होने से मना करने पर 18 साल के लड़के पर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर दिए। गंभीर हालत में अरुण (18) को...

महिला किसान/महिला दैनिक मजदूरो के पलायन से संबंधित संगोष्ठी कार्यक्रम में मंत्री गणेश जोशी ने किया प्रतिभाग

कोदा झिंगोरा उगाएंगे, उत्तराखंड को आत्म निर्भर बनाएंगे- गणेश जोशी रुद्रपुर/पंतनगर। प्रदेश के कृषि एवं ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने गुरुवार को रतन सिंह...

उत्तराखंड पुल‍िस के एक कॉन्‍स्‍टेबल और होमगार्ड की सूझबूझ से दिल्ली के व्यक्ति की बची जान, जानिए पूरा मामला

देहरादून। उत्तराखंड पुल‍िस के एक कॉन्‍स्‍टेबल और होमगार्ड की सूझबूझ और समझदारी से द‍िल्‍ली के एक व्‍यक्‍त‍ि की जान बच गई। उत्तराखंड के डीजीपी आईपीएस...

भारतीय तेज गेंदबाज सिराज का मियां मैजिक, आईसीसी रैंकिंग में दुनिया में नंबर 1 पर हुए काबिज

नई दिल्ली। एशिया कप फाइनल में श्रीलंका की पारी को नेस्तनाबूद करने में अहम भूमिका निभाने वाले मोहम्मद सिराज एक बार फिर से दुनिया के...

रेलवे ने विभिन्न रूटों पर चलने वाली ट्रेनों के नंबर बदलने का लिया निर्णय

नई दिल्ली। रेलवे ने विभिन्न रूट पर चलने वाली आधा दर्जन से अधिक ट्रेनों के नंबर बदलने का निर्णय लिया है। इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी...

अनुपमा की बहू किंजल रियल लाइफ में है बेहद बोल्ड, रेड गाउन पहन कराया ग्लैमरस फोटोशूट

टीवी के सबसे पसंदीदा शो अनुपमा में बड़ी बहू का किरदार निभाने वाली किंजल यानी निधि शाह ना सिर्फ अपनी एक्टिंग बल्कि अपने बोल्ड...

विदाई की ओर बढ़ रहे मानसून ने इस वर्ष उत्तराखंड को दिए गहरे घाव

निजी और सार्वजनिक संपत्ति को पहुंची भारी क्षति  देहरादून। मानसून में अतिवृष्टि के चलते भूस्खलन, भूधंसाव, बाढ़ जैसी आपदाओं से पहुंची क्षति से उबरने के मद्देनजर राज्य...